गाजियाबाद। अक्सर देखा जाता है कि चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए कार्मिक रसूखदार लोगों से अधिकारियों से सिफारिश कर ड्यूटी कटवाते थे लेकिन इस बार तो जो कार्मिक रिजर्व में थे वे भी मतदान कराने के लिए ड्यूटी पर जाना चाहते थे। ऐसे ही एक कार्मिक ने जिला निर्वाचन अधिकारी के पास आकर कहा साहब मैं रिजर्व में हूं, आप मेरी ड्यूटी लगवा दो। जिला निर्वाचन अधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह बेहद खुश हुए और उक्त कार्मिक की पीठ थपथपाते हुए उससे परिचय लिया। कार्मिक ने बताया कि वह आर्डिनेंस फैक्ट्री में है, तब जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ऐसे लोग कहां मिलते हैं, ऐसे लोग भारत में मिलते हैं जो दूसरों का दुखदर्द बांटता है, दूसरों का बोझ उठाने को तैयार रहता है। ये आयुध कारखाने में हैं जहां असलह ही नहीं बनते बल्कि हौसला भी बनाया जाता है। सेना में हिमालय में जाकर सिर्फ सैनिक ही नहीं लड़ता उसके पीछे उसकी मां लड़ती है, उसका पिता लड़ता है, भाई लड़ता है, उसके गांव के लोग लड़ते हैं, तब जाकर जवान को हौसला मिलता है ना। ऐसा ही होना चाहिए, इसको कहते हैं युवा होना। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मैं तो इस बात से परेशान हूं कि मेरी ड्यूटी काट दो, बहाने बनाते हैं, तब कार्मिक बोला कि जब ड्यूटी लगी है तो ड्यूटी करना मेरा फर्ज है।

