नई दिल्ली। कोविड के दौरान भारत में लगभग 175 करोड़ लोगों को लगाई कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। दरअसल कंपनी पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। यह वही कंपनी एस्ट्राजेनेका है जिसके फॉर्मूले से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई थी। एस्ट्राजेनेका कंपनी ने ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में स्वीकार किया कि उनकी कोरोना वैक्सीन से थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीटीएस हो सकता है। हालांकि यह बहुत रेयर है।
इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है। इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का भी खतरा है। कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 मामलों में मुकदमा चल रहा है। पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब एक हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है।
एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बनाई है। अगर कंपनी सुनवाई के दौरान यह स्वीकार करती है कि उनकी वैक्सीन की वजह से कई लोगों की मौत और अन्य को गंभीर बीमारी हुई, तो उन पर बड़ा जुर्माना लगाया जा सकता है।