गाजियाबाद। गत तीन मई को क्राईम ब्रान्च पुलिस द्वारा दिल्ली एनसीआर क्षेत्र, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में जियो व एअरटेल के मोबाइल टावरों से बैट्री, आरआर यूनिट व अन्य इलैक्ट्रानिक डिवाइस चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के 6 शातिर अपराधियो को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से करीब 4 करोड़ रुपए का मोबाइल टावरों से चोरी का माल, चोरी करने में प्रयुक्त उपकरण व चोरी में प्रयुक्त वाहनों को बरामद किया गया था। इस गिरोह के अन्य 7 सदस्य फरार चल रहे थे। क्राईम ब्रांच पुलिस ने 22 मई को को इसी गैंग के 50-50 हजार रुपए के ईनामी 3 शातिर अभियुक्तों व 29 मई को 50 हजार रुपए के एक ईनामी अभियुक्त को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से करीब 72 लाख रुपए का मोबाइल टावरों से चोरी का माल तथा चोरी करने में प्रयोग की जाने वाली वैगनार कार बरामद की थी।
इसी क्रम में 4 जून को क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा उपरोक्त गैंग के 50 हजार रुपए के वांछित इनामी अभियुक्त मेहराजुद्दीन को थाना नन्दग्राम क्षेत्र से गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। गिरफ्तार अभियुक्त के कब्जे से जियो व एअरटेल कम्पनी के टावरों से चोरी की 2 रेडियो रिसीवर यूनिट व 3 बैट्रियां बरामद की गयी हैं। अभियुक्त की गिरफ्तारी पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद द्वारा 8 मई को 50 हजार रुपए का नगद पुरस्कार घोषित किया गया था।
पूछताछ पर पकड़े गये शातिर अभियुक्त मेहराजुद्दीन उर्फ मिराजुद्दीन ने बताया कि वह 9वीं फेल है तथा सीलमपुर, तुगलकाबाद व मुस्तफाबाद में कबाड़ खरीदने-बेचने की फेरी का काम करता है लेकिन इसमें ज्यादा फायदा नहीं होता था जिससे इसके शौक व घर के खर्च पूरे नहीं हो पाते थे। ेकबाड़ की फेरी के दौरान ही सुमित सीलमपुर में मिला था जिसने उसे मोबाइल टावर से चोरी होने वाले आर.आर.यू. के बारे में बताया और उसका काम करने के लिए कहा। सुमित, जावेद मीरापुरिया के लिए काम करता था। सुमित ने उसको मोबाइल टावरों से चोरी करने वालों से मिलवा दिया तभी से वह उनके साथ मोबाइल टावरों से चोरी का माल सुमित की बताई हुई पार्टियों से लेकर सुमित के बताये हुए वसीम व जावेद के गोदाम पर पहुँचाने लगा।
अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया कि पिछले कुछ वर्षों से मोबाइल टावरों की बैट्री, रेडियो रिसीवर यूनिट व अन्य इलैक्ट्रोनिक डिवाईस की चोर बजारी में काफी माँग चल रही है, मोबाइल टावरों पर लगे उपकरण काफी मँहगे होते हैं और इनको चुराना काफी आसान होता है और इसकों ट्राँन्सपोर्ट करने में कोई समझ भी नहीं पाता है। हमनें मिलकर अपना एक संगठित गिरोह बना लिया । हमारे गिरोह में मेरे अलावा जावेद मीरापुरिया, उसका भाई वसीम, जुबैर,कैफ, सुमित कसाना, राहुल गोयल, शुएब मलिक, वसीम अलवी, सुहेल मलिक, अल्ताफ, नईमव शहजाद शामिल हैं। गिरोह के सुहेल मलिक, वसीम अल्वी व अल्ताफ दिल्ली एनसीआर में दिन में कबाड़े की फेरी करके कबाड़े का काम करते थे और जिस मोबाइल टावर से इनको चोरी करनी होती है उसको ये लोग दिन के समय ही कबाड़े की फेरी करते हुए चिन्हित कर लेते थे। राहुल गोयल यह बता देता था कि किस टावर पर कौन सा आरआरयू व अन्य उपकरण लगे हैं और उसे कैसे खोलना है क्योंकि वह टेलीकॉम कम्पनी में ही काम करता था। घटना स्थल पर जाने के लिए गाड़ी का इन्तजाम सुहेल करता था। रात्रि के समय में उस गाड़ी से ये लोग चिन्हित किये गये टावर पर पहुँच जाते थे और इनके दो-तीन साथी मोबाइल टावर पर चढ़ जाते थे और औजारों की मदद से उसमे लगे रेडियो रिसिवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती उपकरण चोरी कर लेते थे, चोरी करने के बाद चोरी किया सामान ये लोग उसी गाड़ी में रखकर फरार हो जाते थे। राहुल इन लोगों को सभी उपकरणों के बारे में बताता है कि कौन सा उपकरण क्या है और कितना महंगा है । चोरी किये गये माल को बेचने के लिए ये लोग माल मेरे अलावा कैफ, शुएब, सुमित, नईम, शहजाद व जुबैर को दे देते थे जिसको हम लोग जावेद मीरापुरिया व उसके भाई वसीम को पहुँचाते थे । जावेद व वसीम से चोरी के माल का पैसा लेकर सुमित व जुबैर के द्वारा बाकी लोगों को दिया जाता था । अपने-अपने हिस्से में आये रूपयों से ये लोग अपने शौक व खर्चे पूरे करते है।
पूछताछ करने पर पकड़े गये अभियुक्त मेहराजुद्दीन उर्फ मिराजुद्दीन ने यह भी बताया कि इन लोगों ने पश्चिमी बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गाजियाबाद, नोएडा दिल्ली एनसीआर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर मोबाइल टावरों से रेडियो रिसिवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती चोरी के उपकरण जावेद मीरापुरिया व उसके भाई वसीम को दिये हैं । यह पूरा गिरोह जावेद मीरापुरिया व उसका भाई वसीम चलाता है। पूछताछ पर मोबाइल टावरों से रेडियो रिसीवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती उपकरण चोरी करने वाले अन्य अपराधियों के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। जिसके आधार पर टीमें बनाकर माल बरामदगी व गिरफ्तारी हेतु दबिशें दी जा रही हैं। निश्चित रूप से इस प्रकार की पुलिस कार्यवाही से जनपद गाजियाबाद, दिल्ली एन.सी.आर. व आस-पास के राज्यो में मोबाइल टावरों से रेडियो रिसिवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती उपकरणों की चोरी पर रोक लगेगी।